THE YOUTH
THE YOUTH blogspot is forum to put FIRE in Leading Youth Community for action to eradicate existing problems at mass level and RAISE VOICE against irresponsible Politician, Citizen & Beurocrates to make them active in support of Public, To Ignite YOUTH and Rural India to set landmark story in his/her expert area.
Friday 23 February 2024
विकसित भारत के लिए युवाओं की भूमिका
Sunday 31 December 2023
दैनिक दिनचर्या के कार्यकारी नववर्ष 2024 की आप सभी को मंगल शुभकामनाएं।
Sunday 15 October 2023
किसी देव स्थान में दर्शन के पश्चात मंदिर की सीढ़ियों पर कुछ क्षण के लिए ज़रूर बैठे।
Friday 5 May 2023
एक राजा जिसने बोधिसत्व प्राप्त कर स्वयं को चिरंजीव बना लिया।
Tuesday 25 April 2023
अक्षय तृतीया सनातन संस्कृति की श्रेष्ठ तिथियों में से एक सर्वश्रेष्ठ तिथि है
सूर्य भगवान ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया और कनकधारा स्तोत्र की रचना भी श्री आदि शंकराचार्य ने आज के ही दिन किया था।
वेदव्यास जी ने महाकाव्य महाभारत की रचना गणेश जी के साथ शुरू किया था और महाभारत का युद्ध भी आज ही समाप्त हुआ था।
प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ ऋषभदेवजी भगवान के 13 महीने का कठीन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था।
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री बद्री नारायण धाम का कपाट भी आज के ही दिन खोले जाते है और वृंदावन के बाँके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण चरण के दर्शन वर्ष में केवल एक बार चैत्र शुक्ल तृतीया को होते है।
भगवान जगन्नाथ के सभी रथों को बनाना भी आज के दिन प्रारम्भ किया जाता है।
इस प्रकार अक्षय तृतीया की तिथि सनातन संस्कृति सभ्यता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
Friday 14 April 2023
विवाह कार्यक्रम जीवन का एक श्रेष्ठ संस्कार है इसे आधुनिकता के प्रपंच में न बांधे।
"विवाह" मानव जीवन का एक पवित्र बंधन है जो ब्रह्मांड की दिव्य वातावरण में उपस्थिति ईश्वरीय शक्तियों, दिव्य आत्माओं, पितृ को साक्षी मानकर उनका आवाहन करके अग्नि के समक्ष सात फेरों या ये कहे की दो जागृत आत्माएं स्त्री व पुरुष एक दूसरे के सात वचनों से सहमति होकर संसार के रचनात्मक कार्यों में अपनी भुमिका अदा करने के उद्देश्य से नव जीवन की शुरुआत करते है। इस प्रकार विवाह कार्यक्रम प्रकृति द्वारा निर्धारित पृथ्वी पर एक सर्वश्रेठ दैविक आयोजन है जिसे मर्यादाओं मे रहकर ही संपन्न करना कराना चाहिए जिससे हमारी सनातन संस्कृति सभ्यता का आधार और मजबूत हो न कि दूषित हो। इसलिए आधुनिक व्यवस्था के बढ़ते प्रचालन व दिखावे से हम सभी को बचाना चहिए।
अभी हाल ही में इसका एक बढ़िया उदाहरण राजस्थान के जयपुर शहर से प्राप्त हुआ जहां वर पक्ष के तरफ से लड़के ने बधू पक्ष के समक्ष कुछ शर्तें रखी जिसे सुनकर लोग आश्चर्यचकित हुए कि आज के आधुनिक व्यवस्था में जहां लड़के लड़की व उनके परिवार की तरफ से लग्जरी गाड़ियों, फाइव स्टार वेन्यू, ड्रोन कैमरों प्री वेडिंग सूट, रिवॉल्विंग स्टेज पर जयमाल कार्यक्रम और हेलीकॉप्टर से रोज लीव्स के बरसात कराने के शर्ते रखी जाती है। ऐसे में लड़के ने सनातन वैदिक व्यवस्था के तहत विवाह संपन्न कराने का शर्त रख दिया। विवाह पूर्व लड़के ने लड़की वाले से हैरान करने वाली अनोखी मांगे रखी जो देशभर चर्चा का विषय बना है। मजेदार बात यह है कि मांगें दहेज को लेकर नहीं बल्कि विवाह संपन्न कराने के तरीके और अनुचित परंपराओं के बढ़ते प्रचलन को लेकर हैं। लड़के ने मांग किया प्री
प्री वैडिंग शूट में वो नहीं शामिल होगा यानी उसे प्रेम का फिल्मों की तर्ज पर मजाक नहीं उड़ना क्यों कि प्रेम दो जीव आत्माओं के बीच का बहुत ही शुद्ध भाव है जिसे प्री वेडिंग शूट के माध्यम से दूषित करना अनुचित है।दु
ल्हन शादी में लहंगे की बजाय पारंपरिक पीले, लाल या गुलाबी रंग की साड़ी पहने !
मैरिज समारोह स्थल पर ऊलजुलूल, अश्लील, कानफोड़ू संगीत की बजाय केवल हल्का इंस्ट्रूमेंटल संगीत ही बजे !
वरमाला के समय केवल दूल्हा दुल्हन ही स्टेज पर रहें !
वरमाला के समय दूल्हे या दुल्हन को.. उठाकर उचकाने वालों को विवाह कार्यक्रम से दूर रखा जाए !
जब पंडितजी द्वारा विवाह प्रक्रिया शुरू कर दिया जाए और उनका वैदिक मंत्रोचार व विवाह विधि सही है तो उन्हें कोई बीच में रोक टोक नही !
कैमरामैन फेरों आदि के चित्र दूर से ले न कि बार बार पंडितजी को टोक कर.. विवाह विधि में व्यवधान उत्पन्न करे क्यों कि विवाह कार्यक्रम देवताओं का आह्वान करके उनके साक्ष्य में किया जाने वाला समारोह है.. ना की किसी फिल्म की शूटिंग !
दूल्हा दुल्हन द्वारा कैमरामैन के कहने पर उल्टे सीधे पोज नहीं बनाये जायेंगे क्यों कि बधु किसी के परिवार की इज्जत उसकी पैमाइश लोगो की भीड़ के समक्ष कराने की जरुरत नही !
विवाह समारोह दिन में हो और शाम तक विदाई संपन्न हो जाए जिससे किसी भी मेहमान को रात 12 से 1 बजे खाना खाने से होने वाली समस्या जैसे अनिद्रा, एसिडिटी आदि से परेशान ना होना पड़े और मेहमानों को अपने घर पहुंचने में कोई असुविधा ना हो !
नवविवाहित को लोगो के समक्ष.. आलिंगन करने, डांस करने व एक दूसरे को खाना खिलाने के लिए ना कहा जाए !
विवाह कार्यक्रम में भोजन व्यवस्था में किसी प्रकार का मांस मदिरा वर्जित होगा क्यों कि विवाह में देवी देवताओं का आवाह्न किया जाता है मांस मदिरा देखकर देवी देवता रूष्ट होकर दूल्हा दुल्हन को बिना आशीर्वाद दिए चले जाते हैं !
अच्छी खबर यह है की लड़की वालों ने लड़के की सभी मांगे मानते हुए सनातन संस्कृति सभ्यता को मजबूती प्रदान करने के लिए सहर्ष तैयार हो गए और विवाह समारोह वैदिक परंपरा से संपन्न हुआ..!
सनातन धर्म की जय हो।
#SayNoForDowry #NADA
Dowry is will It can't be demand